खास बातें
इसरो ने आठ जुलाई को अपनी वेबसाइट पर चंद्रयान की तस्वीरों को जारी किया। इसकी जानकारी देते हुए इसरो के अध्यक्ष डॉक्टर के सिवान ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईआईएसटी) के सातवें दीक्षांत समारोह में कहा कि चंद्रयान-2 को प्रक्षेपण यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है।
अगर चंद्रयान-2 से चांद पर बर्फ की खोज हो पाती है तो भविष्य में यहां इंसानों का प्रवास संभव हो सकेगा। जिससे यहां शोधकार्य के साथ-साथ अंतरिक्ष विज्ञान में भी नई खोजों का रास्ता खुलेगा। लॉन्चिंग के 53 से 54 दिन बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान- 2 की लैंडिंग होगा और अगले 14 दिन तक यह डेटा जुटाएगा।
भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला बनेगा पहला देश
चांद के दक्षिणी ध्रुव के अधिकतर भाग पर अंधेरा रहता है। इसके अलावा यहां बड़े-बड़े क्रेटर भी हैं जिनके गढ्ढों का तापमान -250 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है। इतनी ठंड में लैंडर और रोवर को ऑपरेट करना बड़ी चुनौती है। माना जा रहा है कि इन क्रेटर्स में जीवाश्म के अलावा पानी भी बर्फ के रूप में मौजूद है। More