एक आम सवाल जो हमेशा परीक्षाओं में पूछा जाता है वो ये की वर्ड वाइड वेब WWW का अविष्कार किसने और कब किया? दोस्तों www वर्ल्ड वाइड वेब जिसका हिंदी अनुवाद विश्व व्यापी वेब होता हैं.
इन्टरनेट तो हम सब हर दिन इस्तमाल करते हैं. आज पूरा विश्व डिजिटल हो चुका है, जब भी हमें कोई भी परेशानी होती है तब हम फटाक से गूगल पर जाते हैं आप अपनी समस्या को सर्च करते हैं. इंटरनेट यूज करने के दौरान हम किसी वेबसाइट या ब्लॉग से जुड़ते हैं, जहां पर हमें हमारा जवाब मिल जाता है
उस वेबसाइट के webpage से जुड़ने से पहले, यदि हम उसके URL पर गौर करें तब हमें www नज़र आएगा. www लिखने के बाद वेबसाइट का यूआरएल डालते हैं जिसका सीधा से मतलब यह होता है कि किसी भी वेबसाइट से जुड़ने के लिए वर्ड वाइड web की जरूरत पड़ती है.
जब किसी वेबसाइट के यूआरएल के पीछे www लगा हो तो समझ जाइये की वह वेबसाइट किसी सर्वर में स्टोर है या वेब पेज से जुड़ा हुआ है.
दोस्तों आपने ये खुद देखा होगा की वेबसाइट के पहले यह www लगा ही रहता है इसके बिना कोई वेबसाइट पूरी नहीं है. लेकिन क्या आप यह जानते हो कि इंटरनेट से जुड़ने के लिए इस महत्वपूर्ण सुविधा हमें किसने दी और कब दी.
यदि नही तो कोई बात नही आज हम आपको “WWW का अविष्कार किसने किया है” से जुड़े हर पहलू पर विस्तार से सरल शब्दों में बताएंगे तो जानने के लिए बने रहिये आर्टिकल में चलिए शुरू करते हैं
WWW का पूरा मतलब world wide web होता है, जिसको विश्व व्यापी वेब कहते हैं. हिंदी में इंटरनेट में सभी चीजें एक दूसरे से hypertext से जुड़ी होती है. उन्हीं आपस में जुड़े hypertext दस्तावेजों को इंटरनेट से प्राप्त करने की प्रणाली को हम वर्ल्ड वाइड वेब यानी विश्व प्यापी वेब कहते है.4
WWW का अविष्कार किसने किया था?
WWW यानी world wide web वर्ल्ड वाइड वेब का अविष्कार ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली ने किया था.
उन्होंने 1989 में जेनेवा स्विट्जरलैंड स्थित यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संस्थान cern में कार्यरत रहते हुए किया था. जिसको तीन वर्ष बाद 1991 में अनुसंधान के बाहर अलग इंस्टिट्यूट के लिए सेवा में उतार दिया. फिर जब वेबसाइटें प्रचलन में आई तो 1993-94 में पूरी तरह उपयोग में आने लगा.
WWW का अविष्कार कब हुआ था?
वर्ल्ड वाइड वेब का अविष्कार 12 मार्च 1989 में हुआ था जिसे ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली ने बनाया.
किस देश ने किया WWW का अविष्कार?
टीम बर्नर्स ली ने 1989 में जेनेवा स्विट्जरलैंड स्थित यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संस्थान cern में कार्यरत रहते हुए किया था.
कौन है टिम बर्नर्स ली?
बर्नर्स ली एक ब्रिटिश वैज्ञानिक है 1955 8 जून को लंदन इंग्लैंड में हुआ था. शुरू से ही नई नई जानकारी खोजने का शौक था पढ़ाई में भी अव्वल थे. माता पिता गणितज्ञ होने की वजह से घर का माहौल भी पढ़ाई वाला था.
- गूगल का आविष्कार किसने किया
क्विन्स कॉलेज और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई पूरी की गणित और साइंस के अच्छे स्टूडेंट होने की वजह 1976 में तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए फिजिक्स भौतिक शास्त्र में डिग्री ली.
ऐसा कहा जाता है कि बर्नर्स ली अपने दोस्त के साथ हैकिंग करते पकड़े जाने पर यूनिवर्सिटी ने इनको कंप्यूटर प्रयोग करने से मनाकर दिया. जिसकी वजह से इन्होंने घर में ही अपना कंप्यूटर बना लिया वो भी घर के इलेक्ट्रॉनिक सामानों से जिसमें घर का Tv मोटोरोला माइक्रोप्रोसेसर और सोल्डरिंग आयरन का इस्तमाल शामिल है.
कैसे हुई WWW की शुरुआत?
पढ़ाई पूरी करने के बाद टिम बर्नर्स 1984 स्विट्जरलैंड में cern नाभिकीय प्रयोगशाला मे फेलो (इंटर्न fellow) के रूप में काम करने लग गए जहां पर उनका काम था कि प्रयोगशाला में जितने भी कंप्यूटर है उनमें से सारी सूचना और डेटा क्रमबद्ध तरीके से करना.
कारण था लैब में बहुत से कंप्यूटर रहते थे जिन पर हर तरह की जानकारियां अलग-अलग कंप्यूटर पर थी उसमे इनका काम यह था की सभी सूचनाओं को एक क्रम बद्ध तरीके से तैयार करना.
और जिससे सभी डाटा एक जगह स्टोर हो सके रोज रोज की थकान भरे इस काम से टिम बर्नर्स को ऐसा लगा कि कोई ऐसा काम हो सकता है क्या, जिससे यह सारा डाटा एक जगह स्टोर हो सके और बार-बार इधर उधर से इकट्ठा करने की बजाय एक ही जगह ही सारी चीजें आसानी से अटैच हो जाएं.