नेपाल सरकार ने कालापानी को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में दिखाने पर
आपत्ति जताई. नेपाल का दावा है कि कालापानी क्षेत्र नेपाल के दारचुला जिले
का हिस्सा है.
जम्मू और कश्मीर, लद्दाख के दो केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जारी
भारत के नए राजनीतिक नक्शे को लेकर नेपाल नाखुश है. नेपाल ने ‘कालापानी’
क्षेत्र को भारतीय क्षेत्र में दिखाए जाने पर सख्त एतराज जताया है. नेपाल
का कहना है कि संबंधित क्षेत्र को लेकर भारत और नेपाल के बीच बातचीत जारी
है और ये मुद्दा अभी तक ‘अनसुलझा’ है.
विदेश मंत्रालय ने जताई आपत्ति
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में ‘कालापानी’ को नेपाल का अभिन्न अंग बताया. मीडिया को जारी बयान में नेपाल सरकार
ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के स्तर वाली नेपाल-भारत साझा
आयोग की बैठक में अनसुलझे सीमा विवाद का समाधान ढूंढने की जिम्मेदारी दोनों
देशों के विदेश सचिवों पर छोड़ी गई.
नेपाल ने साफ किया कि बिना आपसी
सहमति के भारत सरकार की ओर से लिया गया कोई भी फैसला उसे मंज़ूर नहीं है.
बयान में कहा गया, ‘सीमा को लेकर लंबित मुद्दों को द्विपक्षीय सहमति से
सुलझाया जाना चाहिए और कोई भी इकतरफा कार्रवाई नेपाल सरकार को अस्वीकार्य
होगी.’
भारत ने शनिवार को दो नए केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और
कश्मीर, लद्दाख के नक्शे जारी किए. साथ ही भारत का नया नक्शा भी जारी किया
गया जिसमें इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों को दिखाया गया.
अभी भारत के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया का इंतजार
नेपाल
सरकार ने कालापानी को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में दिखाने पर आपत्ति
जताई. नेपाल का दावा है कि कालापानी क्षेत्र नेपाल के दारचुला जिले का
हिस्सा है.
नेपाल
से जुड़े घटनाक्रमों पर अभी भारत के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आना
बाकी है. नेपाल का कहना है कि दोनों देशों ने आपसी संबंधों में काफी प्रगति
की है. लेकिन सीमा जैसे संवेदनशील मुद्दों को सतर्कतापूर्वक देखने की
आवश्यकता है.
नेपाल विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया,
‘नेपाल सरकार देश की बाहरी सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही इस
सैद्धांतिक स्थिति पर कायम है कि पड़ोसी देशों के साथ इस तरह के सीमा
विवादों का ऐतिहासिक दस्तावेज. तथ्यों और सबूतों की रोशनी में राजनयिक
चैनलों के जरिए समाधान निकालना चाहिए.’