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गोरखपुरः खाने को कुछ नहीं बचा तो बच्चों को रिश्तेदारी में भेजा, लॉकडाउन ने छीन ली रोजी-रोटी

कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन में मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है। सरकार और प्रशासन भले ही लोगों तक मदद पहुंचाने की बात कर रहा है, लेकिन ऐसा ही परिवार हैं जिन तक अब भी मदद नहीं पहुंच सकी है। ऐसे ही एक मामला नगर पंचायत हरिहरपुर में सामने आया है।
यहां एक ही परिवार के कई सदस्यों को भोजन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। परिवार को न ही कोई सरकारी सहायता मुहैया हुई और न ही कोटे का राशन मिला। मजबूरी में बच्चों को रिश्तेदारी में भेजना पड़ा। पीड़ित परिजनों ने डीएम से सहायता की गुहार लगाई है।
नगर पंचायत हरिहरपुर के वार्ड नंबर चार पटेल नगर निवासी भइयाराम व उनका परिवार लॉकडाउन की वजह से राशन नहीं मिलने से परेशान है। घर के मुखिया भइयाराम का कहना है कि उन्हें अब तक सरकारी सहायता के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है।
यहां तक कि पीड़ित परिवार के किसी भी सदस्य के नाम से राशन कार्ड भी नहीं बना है। जिसके कारण कोटे का राशन भी नहीं मिला। परिवार के भरण पोषण का जरिया मजदूरी है जो लॉकडाउन की वजह से बंद है। ऐसे में परिवार के सदस्यों के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजार करना मुश्किल हो गया है।
परिवार में कुल तीन पुरूष, दो विधवा, एक विकलांग महिला और नौ छोटे-छोटे बच्चे हैं। जब खाने बगैर परिवार के लोग परेशान हुए तो छोटे बच्चों को एक रिश्तेदार के घर भेज दिया गया।
परिवार के अन्य सदस्य कहां जाएं। भूख से परेशान पीड़ित परिजनों ने डीएम से सहायता की गुहार लगाई है। डीएम रवीश गुप्त ने बताया कि तहसील प्रशासन के माध्यम से पीड़ितों तक राशन आदि उपलब्ध कराया जाएगा।
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